Price: ₹300 - ₹195.00
(as of Apr 19, 2025 07:23:06 UTC – Details)
गुफा में एकदम अँधेरा था। शरीर पर भस्म लगाए जटाधारी साधुओं को वहाँ मौन साधना में लीन देख काँप गए रूमी और शेखर। नागा साधुओं के बारे में जानने की इच्छा उन्हें वहां खींच लाई थी। कोई साधु ध्यानमग्न था, कोई तप में । कोई मौन साधना करता प्रतीत हो रहा था। बर्फीले एकांत में हाड़ कंपा देने वाली ठंड में वे साधक तप कर रहे थे। लंबी-लंबी जटाओं को सिर पर लपेटा हुआ था। ठंड के बावजूद उनकी देह पर कोई कंपन नहीं था मानो मन की दृढ़ता ने देह को भी जड़ बना दिया हो। चेहरे पर रुक्षता, क्रोध को लपटों से आच्छादित पूरा अस्तित्व-निर्विकार, तटस्थ, सांसारिक झंझटों से मुक्त…
इस एकांत दुनिया में कदम रखने से पहले कोई दो बार सोचेगा, पर जिनमें जुनून होता है, कुछ करने का हौसला होता है, उन्हें कैसा डर…कुछ अलग करने को दृढ़ता व्याप्त थी उस शेखर के चेहरे पर…कुछ पल पहले जो डर उत्पन्न हुआ था, वह तिरोहित हो चुका था | रूमी भी आश्वस्त थी उसके साथ। क्या वह कोई प्रेमी युगल था जो गलती से घूमता हुआ इन कंदराओं में भटक गया था। क्या ये जानते नहीं कि यहां सामान्य इंसान का आना निषेध है ? इन तपस्वियों का ध्यान भंग करने का दंड क्या हो सकता है, सोचा है इन्होंने या कोई तलाश इन्हें यहां खोंच लाई है?
शिव भक्त, शस्त्रधारी नागा साधुओं का जीवन उनके लिए किसी अनसुलझे रहस्य से कम नहीं था। कुंभ में वे हजारों की संख्या में दिखते हैं और फिर अचानक न जाने कहाँ गायब हो जाते हैं। कौन होते हैं नागा साधु, कैसा होता है उनका जीवन और क्यों उन्हें धर्मरक्षक योद्धा कहा जाता है, जानिए इस रोचक व सर्वथा नूतन शैली में लिखे उपन्यास में।
From the Publisher
Publisher : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.; First Edition (8 July 2024); New Delhi-110002 (PH: 7827007777) Email: prabhatbooks@gmail.com
Language : Hindi
Paperback : 184 pages
ISBN-10 : 9355625359
ISBN-13 : 978-9355625359
Item Weight : 200 g
Dimensions : 21.59 x 13.97 x 1.27 cm
Country of Origin : India
Net Quantity : 1 Count
Packer : Prabhat Prakashan Pvt. Ltd.
Generic Name : Book
Customers say
Customers find the book informative, with one review highlighting its detailed descriptions of Naga sadhus. The spiritual content receives positive feedback, with customers noting its profound meditation and dedication themes, and one review mentioning how it combines mythology with real life.
Hitesh G. –
Amazing description
Suman maam did a fabulous job in this novel, such a great description on Naga sadhu shows how deep research she did for this novel…great work, great efforts
Drashti Patel –
A must read book
This book is unique due to the way it combines mythology with real life. What makes this book great is that it prompts readers to think about different dimensions of life and transcend spiritually. Whether it be the caves of Pandavas or the practices of Naga Sadhus, every single bit will make you contemplate on what really matters in life.
Rajneesh Mathur –
भूला हुआ इतिहास
यह पुस्तक नागा साधुओं से जुड़े कई रहस्यों को उजागर करती है। उन्होंने किस तरह से हजारों वर्षों से हिन्दू समाज और संस्कृति की रक्षा की है इन सबको भुला दिया गया है।यह पुस्तक नागा साधुओं, उनके जीवन को, बलिदानो को चित्रित करती है। सभी को यह पुस्तक पसंद आएगी यह मेरा विश्वास है।सुमन वाजपेई जी को सादर प्रणाम
MG –
Loved how the book is written
Naga sadhus are considered as pillars odd our religion. This book covers their about naga sadhus. The book has topics as bhiksha vriti, making of sadhus, why they get first snan right at kumbh.. Is a beautiful book.
nishant sinha –
Good
Nice
Yogi_warde –
अद्भुत, अवश्य पढ़ें
सुमन बाजपेयी का नया नोवेल “द नागा साधु” भारतीय साधु जीवन का एक अद्वितीय चित्रण है जिसे साहित्यिक दुनिया में एक मास्टरपीस के रूप में देखा जा रहा है। इस नोवेल मे, दो युवा, रूमी और शेखर, की अद्भुत कहानी को पेश करते हुए, लेखिका ने नागा साधुओं के जीवन, उनकी परंपराओं, और उनके असाधारण त्याग का रोचक विवरण दिया है।सुमन जी की लेखनी का जादू इस कदर है कि पाठक का मन न केवल इस किताब से जुड़ता है बल्कि उसमें गहराई तक डूब जाता है। नागा साधुओं का त्याग और उनके अनूठे जीवन के प्रति उत्सुकता का जिस तरह से वर्णन किया गया है, वह अत्यंत प्रशंसनीय है।पाठकों को ऐसे अघोरी और नागा साधुओं के जीवन में झांकने का अवसर मिलता है जो अब तक रहस्य में लिपटे थे। सुमन बाजपेयी ने इस प्रकार से उनकी जिंदगी और ऐतिहासिक परंपराओं को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है कि यह नोवेल एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है।कहानी आपको आरंभ से अंत तक बाँधे रखती है और अंत में ऐसी भावनाएँ उत्पन्न करती है जिससे आप पुनः इस अद्भुत यात्रा का अनुभव करना चाहेंगे।”द नागा साधु” न केवल नागा साधुओं की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करती है बल्कि यह पाठकों को उनके जीवन और त्याग की गहराईयों से अवगत कराती है। यह पुस्तक भारतीय अध्यात्म और परंपराओं में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति के लिए एक must-read है।सुमन बाजपेयी जी को इस उत्कृष्ट योगदान के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।**अद्भुत, अवश्य पढ़ें।**
Reon –
nice
गुफा में घना अंधेरा था, और जटाधारी साधु मौन साधना में लीन थे। नागा साधुओं के बारे में जानने की इच्छा रूमी और शेखर को वहां खींच लाई थी। साधु ध्यान और तप में लीन थे, ठंड में भी बिना किसी कंपन के। उनकी लंबी जटाएं सिर पर लिपटी थीं, और वे तटस्थ और संसारिक झंझटों से मुक्त दिख रहे थे। इस अंधेरी दुनिया में प्रवेश से पहले कोई दो बार सोचेगा, लेकिन शेखर और रूमी जैसे साहसी लोग नहीं। शेखर दृढ़ था और रूमी उसके साथ। क्या वे गलती से भटक गए थे, या कोई खोज उन्हें यहां खींच लाई थी?
अभिमन्यु सिंह गौर –
नागा साधुओं के रहस्यमयी शक्ति और तपस्या
यह पुस्तक हर सनातन धर्म के लोगों को जरुर पढनी चाहिए इसमें नागा साधुओं के जीवन की अद्भूत बातें बताई गई है नागा साधु सनातन धर्म 🚩के कमांडर कहे जाते जो धर्म की रक्षा करते हैं ।जय श्री राम 🙏🚩🚩